प्राइवेट लड़के व चपरासी के सहारे हो रही RTOमे अवैध वसूली ।


 


 


 


ग्वालियर(मध्यप्रदेश)
आरटीओ कार्यालय मे चल रही धांधली पर सभी जिम्मेदार और सक्षम अधिकारियों का मिल रहा मूक समर्थन, नजदीकी थाना क्षेत्र मे संचालित है दलालों का बड़ा समूह, थाना पुलिस की लापरवाही और दलालों को मिल रही सहमति से आरटीओ ग्वालियर नहीं हो पा रहा है दलाल मुक्त कार्यालय " alt="" aria-hidden="true" />


ग्वालियर में  पिछले कुछ माह पूर्व  कार्यालय मे पत्रकारों को देखकर हड़कंप मच गया था। और बड़ी संख्या मे घूम रहे दलालों को हिदायत देकर छोड़ दिया गया था।  लेकिन वह काम आज भी अनवरत जारी है। और आरटीओ कार्यालय मे अब दलाल नहीं, दलालों के कार्यालय मे चपरासी और बाबुओं को जाना पड़ता है कार्यालय मे लगे प्राइवेट लड़के प्रतिदिन बीसों हजार की अवैध और काली कमाई करके ले जाते है। यह काली कमाई आरटीओ कार्यालय मे आने वाले फरियादियों से की जाती है। यहाँ आरटीओ कार्यालय मे कोई काम बिना पैसे के संभव नहीं है। जिसकी हर स्तर पर कीमत निर्धारित है। " alt="" aria-hidden="true" />आरटीओ की प्रत्येक काम के लिए अलग अलग दर निर्धारित है। इसके बाद एआरटीओ की हर काम के लिए (आरटीओ की कीमत सहित लगभग दोगुनी) दर निर्धारित है। इसके बाद बाबुओं ने आरटीओ और एआरटीओ की दर मे अपनी कमाई का हिस्सा जोड़कर साथ मे लगे प्राइवेट लड़कों को बता दिया।
 कार्यालय मे बैठे अधिकारियों से इस बावत कई बार घुमाफिरा कर बात की गयी तो, कहते है कि, आखिर यह पैसा केवल मेरे पास नहीं रहने वाला। इसमे ऊपर तक जाता है। अब हम ऊपर अधिकारियों को देने के लिए अपनी जमीन तो नहीं बेचेंगे। यही से वसूलेंगे, और ऊपर पहुंचाएंगे। ऐसा किसी एक अधिकारी ही नहीं बल्कि आरटीओ कार्यालय मे तैनात प्रत्येक बाबू भी यही कहता है। इस प्रकार आरटीओ कार्यालय मे वसूली का एक जाल फैला है। जिसके लिए आरटीओ कार्यालय मे प्राइवेट लड़के लगाए गए है। जिससे कमाई भी हो जाय, और खतरा भी न रहे।        अगले अंक में उन लड़कों के फोटो