अभद्र व्यवहार एव अश्लील हरकत करना  आर आई को पड़ा महंगा


पुलिस महा निरीक्षक इंदौर द्वारा रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया को सेवा से पृथक किया


थाना कोतवाली खण्डवा में आरोपी के विरुद्ध अपराध कमाक 123 / 2020 धारा 354 , 354 क , 456 भादवि का पंजीबद्ध किया


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने करी जांच घटना सही पाई गई


खंडवा पुलिस अधीक्षक , जिला खंडवा के व्दारा प्रतिवेदित किया गया है कि दिनांक 15 . 02 . 20 को जिला पुलिस लाइन में रात्रि 4 बजे सूबेदार  के निवास पर तरकाळ रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार एव अश्लील हरकत की घटित घटना जिस पर से थाना कोतवाली खण्डवा पर अपराध कमाक 123 / 2020 धारा 354 , 354 क , 456 भादवि का पंजीबद्ध किया गया है । तत्का० रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया द्वारा पुलिस लाईन स्थित महिला बैरिक में जाकर महिला कर्मचारियो के साथ अभद्र व्यवहार करने के तथ्य पुलिस अधीक्षक , जिला खंडवा के संज्ञान में आने पर पुलिस अधीक्षक , जिला खंडवा के व्दारा उनके कार्यालयीन आदेश पत्र क्रमांक / स्टेनो / निलबित ( 03 - 20 / 131 / 2020 दिनांक 16 . 02 . 2020 द्वारा तत्का0 रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया को निलंबित किया जाकर प्राथमिक जांच श्रीमती सीमा अलावा , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( शहर ) खण्डवा को सौपी गयी थी । श्रीमती सीमा अलावा , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( शहर ) खण्डवा के व्दारा प्राथमिक जांच के दौरान महिला सूबेदार  . उप पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कोल , प्र०आर० ( चालक ) 136 ब्रजेश पाण्डे , महिला बैरक में निवासरत महिला आरक्षक क 761 हा कुल्हारे , 742 भारती तंवर , 769 श्रष्टि पाण्डे , 762 गीता मोरे , 805 संगीता उपाध्याय 786 प्राची उपाध्याय 802 नेहा बाथम तथा रात्रि ड्यूटी प्र . आर मोहरिर 455 रविन्द्र गुरू , आरक्षक 217 शंकर नरवरे के कथन लिये गये । श्रीमती सीमा अलावा , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( शहर ) खण्डवा के व्दारा संपूर्ण जाँच पर पाया गया कि तत्कालीन रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया घटना दिनांक 15 . 02 2020 का रात्रि 04 . 00 बजे महिला सूबेदार  के घर में घुस कर उसके साथ छेड़छाड़ व अभद्र व्यवहार करने एवं महिला आरक्षको के बैरक में जाकर उनके साथ अभद्र व अश्लील व्यवहार करने के संबंध में तथ्य पूर्णत प्रमाणित है । उपरोक्त परिस्थितियों में तत्का , रक्षित निरीक्षक राहल देवलिया का उक्त कृत्य न सिर्फ जिले अपित् संपूर्ण  मध्यप्रदेश पुलिस में कार्यरत महिला पुलिस अधिकारियों के मनोबल पर असर डालता है । उल्लेखनीय है कि तत्कालिन रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया के सर्विस बुक का अवलोकन करने पर उनके विरुद्ध पूर्व में थाना हरदा तैनाती के दौरान महिला आरक्षक  के साथ शारीरिक संबंध बनाने के प्रयास को लेकर इनके विरुद्ध विभागीय
जाँच आदेशित हुई थी जिसमे तत्काल रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया को पांच वर्ष तक न्यूनतम वेतन पर रखने की सजा से दण्डित किया गया था । तत्कालिन रक्षित निरीक्षक के पूर्व में भी शिकायते प्राप्त हो चुकी है । आरोपी एक वीधारी अनुशासित भल का सदस्य है जिससे उच्च स्तर के अनुशासन एवं विशुद्ध आचरण की उम्मीद की गई है । रक्षित निरीक्षक पद उसी अनुशासन विशुद्ध आचरण प्रदर्शन करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का पद है । मध्य प्रदेश  पुलिस रेग्युलेशन के पैरा कमांक 514 में भी उल्लेख है कि रक्षित निरीक्षक को अच्छी शिक्षा और अच्छे अनुशासन का व्यक्ति होना चाहिए तथा उसे शारीरिक ध्यायाभ की पूरी जानकारी होना चाहिये ।  तत्कालीन रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया अपने इस मापदण्ड पर भी खरे नहीं उतरे है । सपूर्ण विभाग में कर्मचारियों को अनुशासन में रखने की महत्वपूर्ण जिम्मेदार भी उसी पर है । अनुशासन की शपथ पुलिस बल के प्रत्येक सदस्य को प्रशिक्षण के दौरान दिलाई भी जाती है । तत्का० रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया द्वारा इस तरह के धुणित कृत्य व अशोभनीय व्यवहार से न सिर्फ पुलिस विभाग में कार्यरत महिलाओ को अपितु सर्वसमाज के लिये काफी क्षति हुई है । प्रकरण में अभी भी कोई कठोर निर्णय नहीं लिया गया तो महिला कर्मचारियों के साथ इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति होगी इस सभावना से इंकार नही किया जा सकता । उका जाँच में तत्का , रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया का आचरण व कृत्य गभीर प्रकृति का अपराध है . जिसके लिए विस्तृत जाँच किये जाने की आवश्यकता नहीं है , और यह स्वमेव ही प्राथमिक जॉब में प्रमाणित है । चूकि पुलिस लाइन में रहने वाले कर्मचारीगण , रक्षित निरीक्षक के अधीनस्थ कर्मचारी है , इसलिए जाँच में बहुत ज्यादा साक्ष्य मिलने की संभावना भी नहीं है । प्रकरण में जांचकर्ता राजपत्रित अधिकारी ( जो की स्वय महिला अधिकारी भी है ) के प्रतिवेदन से पूर्णतः सहमत होते हुए प्रकरण में सविधान के अनुच्छेद 311 ( 2 ) ( ख ) के प्रावधान अनुसार पुलिस अधीक्षक , जिला खंडवा के व्दारा तत्का , रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया को सेवा से पृथक करने की अनुशंसा की गई है । पुलिस अधीक्षक , जिला खंडवा  के प्रतिवेदन से यह स्पष्ट हो गया कि रक्षित निरीक्षक के द्वारा एक अत्यन्त ही घिनौना अपराध घटित किया गया , जिसकी पुष्टि पुलिस अधीक्षक व्दारा संस्थित प्राथमिक जाँच में हुई है । एक अनुशासित बल में , अनुशासित बल के सदस्य रहते  हुए . जिसकी जिम्मेदारी महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके अधिकारियों की रक्षा करना है , वहीं इसके विपरीत उनके स्वयं व्दारा इस तरह का घणित एवं अशोभनीय कृत्य किया गया जिससे पलिस विभाग की छवि को भी क्षति पहची है । क्योंकि प्राथमिक जांच में अतिरिक्त पलिस अधीक्षक स्तर की महिला अधिकारी के व्दारा पर्याप्त साक्षियों के वचन लिये गये हैं एवं तत्कालीन आरोपी अधिकारी पलिस लाइंन का पर्यवेक्षक अधिकारी होने के नाते साक्ष्यों को भविष्य में प्रतिकुल रूप से प्रभावित कर सकता है अतः मुझे समाधान हो गया है कि इस प्रकरण में और कोई जाँच की जीना युक्तियुक्त रूप से साध्य नहीं है अतः मैं पुलिस अधीक्षक , जिला खण्डया की अनुशंसा रो सहमत होते ए रक्षित निरीक्षक राहुल देवलिया जिला खण्डया के व्दारा किये गये आपराधिक कृत्य एव मर्यादित आचरण के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद
अनुच्छेद 17 ) के प्रावधान में दी गई शान्तिये का प्रयोग करते हुए रक्षित निक्षक राहुल देवरिया  जिला खंडवा  को सेवा से पदव्युट ( Dismissal from service किये जाने का दण्ड देता हूँ । हआदेश जारी किये जाने की दिनाक से लागू होगा ।